ये जो तुम जरा सी बात पर बेवजह,
बेहिसाब गुस्सा कर लेती हो,
ये हुनर तुम्हें बचपन से आता था?
या मेरा डर से पीला पड़ा चेहरा देखने की ख्वाहिश में
कहीं से तालीम ली है तुमने?
जो भी हो, तुम्हें शायद नहीं मालूम,
की मैं तो डर जाता हूँ तुमसे,
पर घर की हर एक चीज हंस देती है तुमपे,
तुम्हें इतनी खूबसूरती से गुस्सा करते देख कर।
© लोकेश ब्रह्मभट्ट "मौन"
वाह बहुत सुंदर अनुभूति और शानदर अभिव्यक्ति।
ReplyDelete