चलते चलते यकायक मुड़ जाएगी
में रुक गया तो वो भी रुक जाएगी
क्या सितम है घर की रौनक है जो
ये चिड़िया भी एक दिन उड़ जाएगी
उसकी अठखेलियाँ मेरी खुराक है
ये ना देखूं तो धड़कन रुक जाएगी
मेरे हर मर्ज की दवा है ये बिटिया
ये चली गयी तो सांसे छूट जाएगी
"मौन" आखिर तू किस गुमान में है
ये दौलत तो एक दिन लुट जाएगी
© लोकेश ब्रह्मभट्ट "मौन"
बहुत प्यारी बिटिया ।
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