अब भी तुम मुझसे प्यार करोगी क्या
जान बूझ कर जीवन ख़राब करोगी क्या?
जब चले ही जाना है मुझसे दूर एक दिन
फिर मेरे ख्वाबों में आकर करोगी क्या ?
मैं तो तुमको रात दिन प्यार कर सकता हूँ
पर तुम इतने प्यार का आख़िर करोगी क्या ?
तूम वो नशा हो जिसे देख कर झूमते हैं लोग
“मौन” तुम आख़िर शराब पीकर करोगी क्या ?
© लोकेश ब्रह्मभट्ट "मौन"
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